तप की देवी मां ब्रह्मचारिणी करेंगी हर मुराद पूरी, जानिए पूजा विधि!

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन यानी 23 सितंबर 2025 (सोमवार) को मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। ये देवी तप, संयम और वैराग्य की प्रतीक हैं और इन्हें पूजने से साधक को अद्भुत मानसिक शांति और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का शुभ मुहूर्त

मुहूर्त समय
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:54 से 05:41 तक
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:08 से 12:56 तक
सायाह्न सन्ध्या शाम 06:35 से 07:46 तक

इन मुहूर्तों में पूजा करने से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि (Puja Vidhi)

सुबह स्नान कर सफेद या पीले वस्त्र पहनें। मां दुर्गा की मूर्ति के पास मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें। देवी को चमेली के फूल, दूध से बनी मिठाइयां, फल (केला, सेब, संतरा), वस्त्र, चंदन, अक्षत आदि अर्पित करें। दीपक जलाकर मंत्र जाप करें। व्रत कथा सुनें और अंत में आरती करें।

मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र (Powerful Mantras)

ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलु।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

इन मंत्रों का जाप करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है और पढ़ाई या साधना में सफलता मिलती है।

मां ब्रह्मचारिणी की प्रिय चीजें

प्रकार पसंद
फूल चमेली
रंग सफेद, पीला
मिठाई दूध से बनी मिठाइयाँ
फल केला, सेब, संतरा

आज का पंचांग (23 सितंबर 2025)

तिथि: द्वितीया सुबह 4:51 तक, फिर तृतीया

नक्षत्र: हस्त दोपहर 1:40 तक, फिर चित्रा

करण: बालव (3:51 PM तक), फिर कौलव

योग: ब्रह्म योग रात 8:22 तक, फिर इन्द्र योग

दिशा शूल: उत्तर दिशा

सूर्योदय और चंद्रोदय

सूर्योदय: 06:29 AM

सूर्यास्त: 06:35 PM

चंद्रोदय: 07:34 AM

चंद्रास्त: 07:22 PM

नवग्रहों की स्थिति (Graha Gochar Today)

मंगल: तुला राशि में

चंद्रमा: कन्या राशि में

सूर्य-बुध: कन्या राशि

गुरु: मिथुन राशि

शनि: मीन राशि

शुक्र-केतु: सिंह राशि

राहु: कुंभ राशि

जानिए क्यों कहलाती हैं ‘ब्रह्मचारिणी’?

मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए हजारों वर्षों तक घोर तपस्या की थी। उनके इस ब्रह्मचर्य और तप के कारण ही उन्हें “ब्रह्मचारिणी” कहा गया। उनका स्वरूप भक्तों को आत्मिक शक्ति और धैर्य प्रदान करता है।

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